अनायास ही खो जाती है हर ख़ुशी हमारी,
क्या तुम क्या हम, ये तो सबको है प्यारी,
चलते रहते हैं मीलों इस जिंदगी के सफ़र में,
आखिर में हो जाती है माटी जिंदगी हमारी..
जब तराशा खुदा ने तो सूरत बना दी..
हुश्न ईमान की उसने एक मूरत बना दी,
मोहब्बत ने इस दिल की उसे ज़रुरत बना दी..
उसने कोई चीज़ ऐसी खूबसूरत बना दी..
पर चाँद मिलना कहाँ आसमा से पहले,
बस इंतज़ार में हमने काटी जिंदगी हमारी..
कभी घर ने सताया, कभी दिल ने रुलाया,
कभी यारों की ख्वाहिश, कभी उसने बुलाया..
हम भी चलते गए कुछ भी देखा नहीं,
कई टुकड़ों में बांटी हमने जिंदगी हमारी..
जो खफा होते हैं, पास होते वही हैं,
बस हम गलत होते हैं, और वो होते सही हैं,
जो प्यार था उन्हें तो ये भी तो फ़र्ज़ था,
कभी तुमने क्यों ना जाँची ये जिंदगी हमारी..
आज लौटे हैं हम कई अरसा हुआ,
बस अश्कों के सिवा कुछ ना खर्च हुआ,
घर जो पहुंचे तो कुछ भी ना चर्चा हुआ,
मेरे जख्मों पे बस नमक और मर्चा हुआ,
कई इलज़ाम लगे हम पर मगर कह ना सके..
किसको बताएं कितनी साँची है जिंदगी हमारी..
क्या तुम क्या हम, ये तो सबको है प्यारी,
चलते रहते हैं मीलों इस जिंदगी के सफ़र में,
आखिर में हो जाती है माटी जिंदगी हमारी..
जब तराशा खुदा ने तो सूरत बना दी..
हुश्न ईमान की उसने एक मूरत बना दी,
मोहब्बत ने इस दिल की उसे ज़रुरत बना दी..
उसने कोई चीज़ ऐसी खूबसूरत बना दी..
पर चाँद मिलना कहाँ आसमा से पहले,
बस इंतज़ार में हमने काटी जिंदगी हमारी..
कभी घर ने सताया, कभी दिल ने रुलाया,
कभी यारों की ख्वाहिश, कभी उसने बुलाया..
हम भी चलते गए कुछ भी देखा नहीं,
कई टुकड़ों में बांटी हमने जिंदगी हमारी..
जो खफा होते हैं, पास होते वही हैं,
बस हम गलत होते हैं, और वो होते सही हैं,
जो प्यार था उन्हें तो ये भी तो फ़र्ज़ था,
कभी तुमने क्यों ना जाँची ये जिंदगी हमारी..
आज लौटे हैं हम कई अरसा हुआ,
बस अश्कों के सिवा कुछ ना खर्च हुआ,
घर जो पहुंचे तो कुछ भी ना चर्चा हुआ,
मेरे जख्मों पे बस नमक और मर्चा हुआ,
कई इलज़ाम लगे हम पर मगर कह ना सके..
किसको बताएं कितनी साँची है जिंदगी हमारी..