Here i want to give you all a hold to your dreams.. to make them fly higher..... "When a dream takes hold of you, what can you do? You can run with it, let it run your life, or let it go and think for the rest of your life about what might have been"..... Patch adams

Tuesday, February 23, 2010

सबब मोहब्बत का

उन वफ़ा के परिंदों को खोजा गया,
सबब उनसे मोहब्बत का पूछा गया,
दिल के जख्मों को उनके कुरेदा गया,
फिर सजा के लिए उनको भेजा गया..


की मोहब्बत तो ऐसी खता क्या हुई,
जान लेने से पहले ये ना सोचा गया,
जो की थी इबादत तो दुआ क्या हुई,
खुदा से भी ये मंज़र ना देखा गया..


उन सनम के सितम की इन्तहा ही नहीं,
जिसने कर ली मोहब्बत वो रोता गया,
कितने मिटते गए, कितने लुटते गए,
फिर भी होता रहा, जो भी होता गया..

नज़र आया...

जब चाहा भूल जाना एक सवाल नज़र आया,
जब चाहा तुझे पाना एक ख्याल नज़र आया..

नहीं सोचते थे होगी कुदरत में इतनी खूबी,
तुझे देखा तो उसके करिश्मे में कमाल नजार आया..
वजह इकरार की कोई तेरे पास नहीं थी,

मेरे इनकार पर तेरी आँखों में मलाल नज़र आया..
जिस्म बेज़ा किया, जान जाती रही..
तेरी यादों में ऐसा अपना हाल नज़र आया..


For Me,

मुकद्दर फसलों का यूँ हमने बना डाला,
सारे जज्बातों को हमने तन्हाई में मिला डाला,
बुझती लौ थी, अचानक से हवा तेज हो गई,
एक आंधी ने मेरे अरमानो का आशियाँ जला डाला..

Saturday, February 20, 2010

आज मैंने एक बड़ा काम किया है

आज मैंने एक बड़ा काम किया है,
पता है,
आज मैंने जन्म लिया है,
बंद आँखें हैं, मासूम सूरत है..

आज मैंने एक बड़ा काम किया है,
पहली नज़र से पहला नज़ारा लिया है,
माँ को पुकारा है,
कोई पहला नाम लिया है..

स्कूल में माँ बाप का नाम किया है,
दोस्तों की इज्जत बढाई है..

एक बड़ा काम किया है,
बेटा बड़ा होके शहर आ गया है,
खुद को इसकी चाल से मिला लिया है..

आज मैंने एक बड़ा काम किया है,
पता है,
पहली बार नई दुनिया को महसूस किया है,
पहली बार कुछ अलग जिया है..
सब जिसे बुरा कहते हैं,
उसकी अच्छाई को महसूस किया है..

आज मैंने एक बड़ा काम किया है,
सिगरेट को पिया है,
पहली बार जाम को हाथों में लिया है,
खुमारी को अन्दर तक महसूस किया है..

आज मैंने एक बड़ा काम किया है,
दोस्तों क साथ,
पहली बार कॉलेज बंक किया है,
पहली बार किसी लड़की को छुआ है..

आज मैंने एक बड़ा काम किया है,
झगडा किया है, किसी को पीटा है,
एक गरीब के पैसे,
पहली बार नहीं दिए..

आज मैंने एक बड़ा काम किया है,
उस मासूम बच्चे की मासूमियत को,
दिल से मिटा दिया है,
खुद को शैतान बना लिया है..

आज मैंने एक बड़ा काम किया है,
पता है,
आज माँ बाप के संस्कारों को,
पश्चिमी सभ्यता में डूबा दिया है,
इंसानियत और ईमान को,
खोखला बना दिया है..

पता है,
आज प्रिंसिपल ने कॉलेज से निकाल दिया है,
अब लगा,
मैंने खुद को सिर्फ बेकार किया है..
कुछ ना कुछ आप सब की जिंदगी से लिया है,
और इस जिस्म को,
बुराई से भर दिया है, वक़्त को बर्बाद किया है..

आज मैंने एक बड़ा काम किया है,
पता है,
आप की नई पीढ़ी को,
यहाँ से एक सन्देश दिया है...

कोई प्यार क्या करेगा

रुकेंगे तेरी खातिर हर कारवां गुजरने तक,
कोई इस से ज्यादा तेरा इंतज़ार क्या करेगा..
सजा कर तेरे ख़्वाबों को ये वजूद मिटा देंगे,
कोई मुझ से ज्यादा तुझसे प्यार क्या करेगा..

अगर हम जो दगा दे दें तो प्यार बुरा होगा,
अगर हम जो सजा दे दें तो यार बुरा होगा,
दुनिया भी अगर छोड़ी तो संसार बुरा होगा,
दिल पर फिर किसी के ऐतबार बुरा होगा,
"जान" दी तुझको जा अपने सीने में बस ले,
इस से ज्यादा तुझपे कोई निसार क्या करेगा..

सब लुट गया हमारा, परवरदिगार क्या करेगा,
जब प्यार ही है ऐसा तो कोई प्यार क्या करेगा..

कुछ बयान करना है

दरम्यान--महफ़िल होंगे तो मुस्करायेंगे,
लेकिन आंसू तो हँसी साथ भी आयेंगे,
अपने दमन में हम समेट तो लेंगे इनको,
संभाल लेंगे दिल को भी, ये कह पाएंगे..

क्या बयान करनी ये आहातें जिंदगी की,
खुशगंवार मौसम पे बादलों का साया है,
दर्द अम्बर का है जो ये यू बरसने लगा है,
भीग जाने दो हमको, हम अब न रह पाएंगे..


हर्ज इसमें है कैसा, फासला तो दिखा,
तेरे दिल की जगह कुछ अलग सा मिला,
ये मोम की मूरत है, चिराग ना जलाओ,
रौशनी की गर्माहट को ये न सह पाएंगे..

जिंदगी है : क्या करें

साजिश है हर नज़र ऐतबार क्या करें,
मिलते रहे हैं धोखे अब प्यार क्या करें,
दुश्मन ना बने कोई, सब दोस्त बना डाले,
अब दोस्ती के बदले अंदाज़ तो यार क्या करें..!!
आग़ाज़ जिंदगी का अंजाम था मगर,
हर शख्श जिंदगी में बेईमान था मगर,
गुज़रा कभी नहीं था बेवफाई के दौर से,
देना पड़ा है अब वो इम्तिहान क्या करें..!!
प्यार पूजा था अब तक, तेरे मिलने से पहले,
किये सजदे थे इस कदम में भगवान् से पहले,
करम था खुदा का जो तुमको यूँ हया दी,
तुमको हंसी बनाया, अब भगवान् क्या करे..!!
करोगे जो  खता तुम तो सजा वही देगा,
बनाया है तुमको उसने और मिटा भी वही देगा,
मगर मिटा नहीं पता कोई खुद बनाई इमारत,
जब उसी से हुई है खता तो इंसान क्या करे..!!

Friday, February 19, 2010

नसीब हमारा

तेरे रूबरू रहना नसीब हमारा ना था,
तुझे अलग होके जीना गंवारा ना था..

तेरे संग संग उम्र भर मैं मीलों चलूँगा,
बिना तेरे एक कदम का भी सहारा ना था..

तुझे देख कर हर आरजू तेरी जुस्तजू में है,
तुझसे हसीन कुदरत में कोई नज़ारा ना था..

तू करे रोशन बनकर चाँद मेरी दुनिया,
इतना चमकीला मेरे नसीब का तारा ना था..

Pain Of LOVE : क्या करूँ

रख सकूँ तुझको इस दिल के आईने में,
बंदिशे बहुत हैं मेरी जान क्या करूँ,
जलाया तो खुद को तेरी रौशनी की खातिर,
कम पड़ गया मेरे जिस्म का सामन क्या करूँ,

आगे और भी हैं मंज़र कई तिलिस्मात के,
फिर राह जिंदगी की आसान क्या करूँ,
कुफ्र बन कर मेरे दिल पर ये बोझ रहेगा,
मैं कुछ पल का यहाँ हूँ मेहमान क्या करूँ...

कसक क्यों है, ये आँखें गुमनाम क्यों हैं,
चेहरे पे तनहाइयों की शाम क्यों है,
आज ना होते ये आंसू, ना होते ये लोग,
मगर रुख्शत किया तुमने शमशान क्या करूँ...

Wednesday, February 17, 2010

फर्क

उसकी डोली उठी, मेरी मैय्यत उठी,
फूल उस पर भी था, फूल मुझ पर भी था,
महफ़िल वहां भी थी, लोग यहाँ भी थे,
उसका हसना वहां, मेरा रोना यहाँ,
सहेलियां उसकी भी थी, दोस्त मेरे भी थे,
वो सज के गए, मुझे सजाया गया,
उसकी किस्मत वो थी, मेरी मैय्यत ये थी,
वो उठ कर गई, मुझे उठाया गया,
वो चार कन्धों पे थी, मैं भी चार कन्धों पे था,
फर्क इतना सा था इस फ़साने का दोस्त..
उसको अपनाया गया, मुझको दफनाया गया..
उसका दुनिया में एक नया जहाँ बसाया गया,
और मेरे बेजान जिस्म को भी जलाया गया..

Friday, February 12, 2010

टूटना क्या है

टूटना क्या है..
क्या दो टुकड़े हो जाना,
या फिर बिखर जाना,
या फिर चंद हिस्सों में अलग होना..
जैसे एक पतंग की डोर का,
या शायद एक आईने का,
या फिर किसी तस्वीर का टूटना..


क्या बस इतना ही है,
बस और कुछ नहीं हो सकता,
शायद नहीं, मगर फिर..
हाँ हो सकता है, वरना एहसास ना होता,
मगर वो है क्या, ज़रा देखो..
नहीं कुछ नहीं है, दिखाई नहीं दे रहा,
आवाज़ भी तो नहीं आई..
फिर टूटा क्या...!!!!


हम तेजी से जा रहे हैं,
रुकने और देखने का वक़्त कहाँ है,
मगर इस दुनिया की भीड़ में,
शायद कोई आपका है..
किसी को आप से प्यार है, तो किसी को उम्मीद..
कोई इंतज़ार में है..
कुछ आप के सपने हैं,
और इनके लिए आप भागते रहते हो..
ज़रा ठहरो, और सुनो..
अपने दिल में झांक कर..
महसूस करो..
क्या जल्दी में कुछ छूटा है..
क्या कहीं कुछ टूटा है..
फिर धीरे से दिल में एक आवाज आई..
हाँ..!!!!!!!!
अरे ये तो एक रिश्ता था,
मेरे ही जेहन में बसता था..
अब फिर से वही सवाल दोहराता हूँ,
टूटना क्या है...
अलगाव, शायद एक रिश्ते का,
कुछ अरमानो का,
या फिर किसी के ख्वाबों का..
शायद हाँ, और बस भी.
लेकिन फिर भी संतुष्टि नहीं मिल रही,
कुछ मुझे हो रहा है,
इतना सब जानने के बाद,
इतने अकेले...
रिश्ते नाते, प्यार सब से दूर,
फिर भी कुछ टूट सा रहा है..
आखिर क्या..???
नहीं मिल रहा..
मैं बताता हूँ,
ये हो तुम....!!!!
बेबस, लाचार, थके हुए..
अब फिर से सवाल दोहराता हूँ..
टूटना क्या है..
शायद हिम्मत का,
या फिर किस्मत का,
या ताकत का.. और या कहें की गुरूर का..
अब क्या कहते हो..
कुछ है क्या अब भी..
शायद हाँ,
बहुत कुछ..
यहाँ जब हर पल, हर घडी,
कुछ ना कुछ टूट रहा है,
तो होगा ही..
लोग जोड़ने से ज्यादा तोड़ते है,
तो ज़रूर होगा..!!!!
अब यहाँ भी एक जवाब है..
ये भी तो टूटना है..
आपके विश्वास का..!!!!!!!!!!!!!!!!!!!

कांच की चीज़ों को उछाला नहीं जाता

आईने से तस्वीर को निकाला नहीं जाता,
तराश कर फिर उसमे अक्स डाला नहीं जाता,
दिल शीशा है यारों ज़रा संभल कर खेलो,
कांच की चीज़ों को उछाला नहीं जाता.. !!

थाम कर रखना अपनी हथेली पर इसको,
एक बार जो छूटा तो संभाला नहीं जाता,
टुकड़े भी चुनते हो तो चुभन हाथों को होगी,
रख के टुकड़ों को दिल को बनाया नहीं जाता..!!

जख्म छूकर तुम्हे दर्द होने लगा है,
और यहाँ तो हर सांस दर्द का सिलसिला है,
साँसे रुक जायें तो दिल को तसल्ली मिलेगी,
अब सीने में मेरी "जान" तुझे पाला नहीं जाता..!!

तेरे सीने में छुपे थे तब तक सुकून था,
अब रौशनी को नज़रों से टाला नहीं जाता,
सुर्ख आँखें भी थक कर के ढूँढने लगी हैं,
कोई जगह हो ऐसी जहाँ उजाला नहीं जाता..!!