तेरे रूबरू रहना नसीब हमारा ना था,
तुझे अलग होके जीना गंवारा ना था..
तेरे संग संग उम्र भर मैं मीलों चलूँगा,
बिना तेरे एक कदम का भी सहारा ना था..
तुझे देख कर हर आरजू तेरी जुस्तजू में है,
तुझसे हसीन कुदरत में कोई नज़ारा ना था..
तू करे रोशन बनकर चाँद मेरी दुनिया,
इतना चमकीला मेरे नसीब का तारा ना था..
Friday, February 19, 2010
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2 comments:
wah!
maza aa gaya..
badhai.
dil ko lag gyi yar
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