Here i want to give you all a hold to your dreams.. to make them fly higher..... "When a dream takes hold of you, what can you do? You can run with it, let it run your life, or let it go and think for the rest of your life about what might have been"..... Patch adams

Saturday, March 27, 2010

मैंने पूछा

मैंने उसको सलाम लिख भेजा,
हाले दिल तमाम लिख भेजा !!
मैंने पूछा तेरे होठ कैसे हैं,
उसने सिर्फ जाम लिख भेजा !!
मैंने पूछा तेरे बाल कैसे हैं,
उसने कुदरत का कमाल लिख भेजा !!
मैंने पूछा कब होगी मुलाकात,
उसने क़यामत की शाम लिख भेजा !!
मैंने पूछा इतना तडपती क्यों हो,
उसने जवानी का इंतकाम लिख भेजा !!

पूछा किसी से नफरत भी है क्या,
तो जालिम ने मेरा हे नाम लिख भेजा !!!!!!!!!!

Thursday, March 25, 2010

हर अंजुमन से एक प्रारंभ की दरकार है,
बढ़ चलो आगे अभी से, करना गर जो पार है..


है कई मीलों सफ़र ये, तू चला चल थक नहीं,
जो थमा वो जम गया है, बस यही एक सार है..


क़त्ल करने कि वजह थी, वो छुरा भी तेज़ था,
जख्म की अब फ़िक्र ना कर, हौसला औज़ार है..



तू खुदा को खोज लाये, आसमा तक जा कभी,
क्यों ज़र्रे ज़र्रे में ज़मी की, खोजता उसे यार है..

Wednesday, March 24, 2010

वो मेरे सपने थे

घर से लाया तो था,
अभी तक मेरे पास थे,
मगर कहाँ गए..
इस भीड़ में कहीं खो तो नहीं गए,
नहीं नहीं, पापा बहुत मारेंगे..
ज़रा ढूंढो..
मेरा साथ दो तुम भी..

जल्दी देखो,
कहीं टूट ना जायें,
बहुत वक़्त से संजो के रखा था..
माँ को भी यही पसंद था,
मगर यहाँ गर्दिश बहुत है,
ना जाने कहाँ खो गया है..
ज़रा मदद कर दो..

अरे..
मगर वो था क्या,
बहुत कीमती था, क्या सोना..
नहीं..
इतना सस्ता नहीं..
तो,
क्या माँ कि निशानी थी,
या कोई जवाहरात..
नहीं नहीं..
कोई सामान नहीं था,

वो मेरे सपने थे..
जो मैं साथ लाया था,
इस शहर में,
साकार करने..
मगर,
भागते समाज के साथ,
बदलते दौर में,
ना जाने कहाँ खो दिए..

वो मेरे सपने थे,
जिनके लिए,
सब छोड़ कर आया था..
बस उन्हें ही साथ लाया था,
तेज रफ़्तार में,
वो भी खो गए हैं,
वो मेरे सपने थे..
कोई खता होगी जो तू नाराज़ है हमसे,
यू तो हमने तेरा दिल दुखाया नहीं है..
ऐसे ना जाओ मुझे यू सजा सुना के,
अभी तुमने मेरा कसूर बताया नहीं है..
तमाम रातों में मैंने आँखों को खुला रख है,
तेरी खातिर एक पल भी सुलाया नहीं है..
महफ़िल थी सोचा हम भी दुआ दे दें,
खुद तुझे क्या देंगे, हम खुदाया नहीं है,
चले आये थे कि कोई तो पहचान होगी,
आखिर सब हैं अपने कोई पराया नहीं है..
जानते हैं सब हम तेरी खातिर आये हैं,
अब ना कहना किसी से कि बुलाया नहीं है..

आज सब छूट गया

आज सब छूट गया,
तुझसे जो बातें हंस के करते थे,
हर पल तेरे साथ जीते थे,
तुझसे बिछड़ के मरते थे..

आज सब छूट गया,
वो तेरा साथ, तेरी हर बात,
हर पल तेरा इंतज़ार,
वो बरसों से दिल में बसा तेरा प्यार..

आज सब छूट गया,
हंसी शाम तेरे साथ की,
आरजू हाथों में तेरे हाथ की,
आहट तेरी सांस की..

आज सब छूट गया,
आशियाँ मेरे ख्वाबों का,
कारवां जीने की राहों का,
सिलसिला प्यार का, दर्द की आहों का..

आज सब छूट गया,
खुदी से खुद का साथ,
कभी कभी जिंदगी से मुलाकात,
जीने के लिए जो ज़रूरी था वो एहसास..

आज सब छूट गया,
ये शहर, नज़र और सफ़र,
मेरे जिंदा होने का असर,
वो शख्श,
जो था मेरी जान, मेरा हमसफ़र...

Sunday, March 21, 2010

है अभी जीना बहुत तुम यू इशारा ना करो,
डूब जाएगी ये कश्ती यू किनारा ना करो,

जिंदगी के पल हमेशा तुम को बहलाते रहें,
कम हो चाहें, गम हो चाहें, यूँ गुजारा ना करो..

Thursday, March 18, 2010

मेरा खुदा, मेरी खुदाई

जिंदगी है क्या खुदाया, हर करम तेरा हुआ..
क्या करम  तेरा खुदाया, ना सनम मेरा हुआ..
मैं खुदी को खोजता था, ज़र्रे ज़र्रे में तेरी..
तू मिला तेरी खुदाई, नब्ज़ में बहता हुआ..

ऐ सनम अब तो बता दे, हम को जाना है कहाँ..
या मुझे रास्ता दिखा दे, खामोशा-ए-शहर है जहाँ..
हम तेरे दर से जो निकले, मर के जाना है हमे..
बिन तेरे जीने की ताकत, अब बदन में है कहाँ..

हमने जो देखी खुदाई, तू खुदा से कम नहीं..
अब खुदा हमसे जो रूठे, इसका हमको गम नहीं..
बस करम इतना तू कर दे, तू सनम मेरा रहे..
जीत जाये ये दुहाई, फिर खुदा या हम नहीं..

Friday, March 5, 2010

कुछ दर्द है

कुछ दर्द है,
पा कर भी खोने का,
मिल के जुदा होने का,
तेरे हर उस साथ का..
पल पल की मुलाकात का.. कुछ दर्द है..

नर्म चांदनी में सोते रहे,
ना पता था जिसके चाँद का..
हर उस नींद का,
हर उस रात का.. कुछ दर्द है..

ज़माने की बात थी,
हाँ वो भी उन्ही के साथ थी..
लोगो ने तो खूब कहा,
पर तेरी हर उस बात का.. कुछ दर्द है..

आशियाँ बना था,
तुम रह ना सके,
अब उस घर में हूँ एक लाश सा,
इस जिंदगी के वनवास का.. कुछ दर्द है..

Thursday, March 4, 2010

जल रही ये जिंदगी

जल रही ये जिंदगी क्यों पता नहीं,
बस कुछ है जो सुलगने की वजह देता है..

कुछ बुझे से जज़्बात इस दिल में बाकी हैं,
कोई तो है जो हर बार इनको हवा देता है..

बेजान सा जिस्म है किसी दर्द का एहसास नहीं,
हर रोज बुझता सूरज एक दर्द जगा देता है..

आज भी हर वो शख्श पाक है इस जहान में,
जुर्म करने के बाद जो हर सुराग मिटा देता है..!!

बात दिल की

लोग पढ़ लेते हैं चेहरे से कहानी दिल की,
आप को आती नहीं बात छुपानी दिल की..

लम्हा लम्हा तेरे दीदार की हसरत है मुझ में,
छोडिये ये तो आदत है पुरानी दिल की..

मैंने धडकनों को भी सीने में छुपा रखा है,
कुछ इस कदर संभाली है निशानी दिल की..

आँखें कुछ कहती हैं और लब कुछ कहते हैं,
इतनी आसन नहीं बात छुपानी दिल की..

लोग हर बात का फ़साना बना देते हैं,
सब को अच्छी नहीं बात बतानी दिल की..!!