आज सब छूट गया,
तुझसे जो बातें हंस के करते थे,
हर पल तेरे साथ जीते थे,
तुझसे बिछड़ के मरते थे..
आज सब छूट गया,
वो तेरा साथ, तेरी हर बात,
हर पल तेरा इंतज़ार,
वो बरसों से दिल में बसा तेरा प्यार..
आज सब छूट गया,
हंसी शाम तेरे साथ की,
आरजू हाथों में तेरे हाथ की,
आहट तेरी सांस की..
आज सब छूट गया,
आशियाँ मेरे ख्वाबों का,
कारवां जीने की राहों का,
सिलसिला प्यार का, दर्द की आहों का..
आज सब छूट गया,
खुदी से खुद का साथ,
कभी कभी जिंदगी से मुलाकात,
जीने के लिए जो ज़रूरी था वो एहसास..
आज सब छूट गया,
ये शहर, नज़र और सफ़र,
मेरे जिंदा होने का असर,
वो शख्श,
जो था मेरी जान, मेरा हमसफ़र...
Wednesday, March 24, 2010
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1 comment:
kuch dard sa lga is rachna me.
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