आप को आती नहीं बात छुपानी दिल की..
लम्हा लम्हा तेरे दीदार की हसरत है मुझ में,
छोडिये ये तो आदत है पुरानी दिल की..
मैंने धडकनों को भी सीने में छुपा रखा है,
कुछ इस कदर संभाली है निशानी दिल की..
आँखें कुछ कहती हैं और लब कुछ कहते हैं,
इतनी आसन नहीं बात छुपानी दिल की..
लोग हर बात का फ़साना बना देते हैं,
सब को अच्छी नहीं बात बतानी दिल की..!!
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