गर्दिश-ए-इश्क क्या है कोई हमसे पूछे,
कैसे तड़पते हैं प्यार में जीने वाले!!
उफ़ तक नहीं आती और जान दे देते हैं,
ऐसे होते है बस शान में जीने वाले!!
एक ज़ख्म ऐसा है जो नासूर बन गया,
ना मिला इसका मरहम, ना सीने वाले!!
सूरत-ए-महफ़िल मैखाने कोई हमसे पूछे,
क्यों लडखडाते हैं अपना दर्द पीने वाले....!!!
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