ये जिंदगी का सफ़र जाने कब सिमट जाये,
मौत के आगोश में हम जाने कब लिपट जाएं ,
गैरत में अपनी कभी इतना न खोना दोस्तों,
मौत के आगोश में हम जाने कब लिपट जाएं ,
गैरत में अपनी कभी इतना न खोना दोस्तों,
क्या सूरज क्या चाँद जाने कब भटक जाएं.....
DREAM... A THOUGHT, A CREATION, A DESIRE..
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